कश्मीर घाटी में मौजूदा शांति बड़े खतरे का संकेत, छिपे हैं करीब 275 आतंकी

कश्मीर घाटी में करीब 275 आतंकियों की मौजूदगी के बावजूद मौजूदा शांति को सुरक्षा एजेंसियां सुकून का सबब नहीं बल्कि बड़े खतरे का संकेत मान रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों की मुसीबत है कि उन्हें इन छिपे आतंकियों के ठिकानों की सटीक खुफिया जानकारी नहीं मिल पा रही है। लिहाजा सुरक्षा बल इससे पहले कि ये आतंकी कोई बड़ी वारदात करें उनके खात्मे के काम को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं।


खुफिया सूचना के लिए दूर-दराज के स्थानीय लोगों का असहयोग इसका बड़ा कारण माना जा रहा है। इससे लोकल इंटेलीजेंस और जम्मू-कश्मीर पुलिस स्तर की जमीनी अहम खुफिया सूचना एकत्र करने का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दूसरी तरफ आतंकी भी पूरी घाटी में फैल कर छिपे बैठे हैं और किसी वारदात को अंजाम नहीं दे रहे हैं। 
घाटी में हैं लगभग 109 विदेशी और 166 स्थानीय आतंकी
एजेंसियों का मानना है कि ऐसा किसी खास योजना के तहत किया जा रहा है।


सेना और खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी एजेंसी ने इन आतंकियों को अगला आदेश मिलने तक शांत बैठे रहने को कहा है। खुफिया सूचना के मुताबिक, घाटी में फिलहाल करीब 109 विदेशी और 166 स्थानीय आतंकी हैं।
यूएनजीए की बैठक के बाद वारदात कर सकते हैं आतंकी
सूत्रों के मुताबिक, इन आतंकियों को आदेश है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) तक घाटी में किसी वारदात को अंजाम न दें। इससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को पाकिस्तान के खिलाफ नया बड़ा हथियार हाथ लग जाएगा। साथ ही भारतीय सुरक्षा बलों को आतंकवाद के खिलाफ सख्त सैन्य कार्रवाई का भी बहाना मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक महासभा की बैठक के बाद आतंकी बड़ी वारदात कर सकते हैं।
आतंकियों के संदेशवाहकों को पकड़ने की कोशिश में सेना
सूत्रों के मुताबिक, सीमा के उस तरफ घुसपैठ के इंतजार में बैठे आतंकियों की टोली में कई संदेशवाहक भी हैं। लिहाजा सेना इन्हें जिंदा पकड़ने की कोशिश में है। घाटी में मोबाइल और इंटरनेट समेत संचार व्यवस्था पर सख्ती की वजह से आतंकियों के बीच आपसी तालमेल नहीं बन पा रहा है।


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