आज रात 8.30 से 11.30 तक कार्यक्रम
'हाउडी मोदी' कार्यक्रम शनिवार रात में 8.30 से 11.30 बजे तक चलेगा। इंडिया फोरम के साथ 90 संगठनों का यह साझा आयोजन है। फोरम के कार्यकर्ता भारतीय दूतावास के अधिकारी, गवर्नर ऑफिस तथा प्रशासन की टीम इसे सफल बनाने में जुटी है। सांस्कृतिक कार्यक्रम 'भारतीय-अमेरिकी गाथा' में 27 समूहों में 400 कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। दो गीतों में भारत की संस्कृति व सभ्यता की झलक होगी।
अमेरिका के सभी राज्यों के गवर्नर रहेंगे मौजूद
तीन घंटे के इस कार्यक्रम में 52 हजार लोग गवाह बनेंगे। दस हजार लोग प्रतीक्षा सूची में हैं। अमेरिका के सभी राज्यों के गवर्नर प्रतिनिधिमंडल के साथ मौजूद रहेंगे। आठ हजार प्रतिनिधि टेक्सास से बाहर के होंगे। अमेरिका के बड़े नेता और राष्ट्रपति ट्रंप भी 'हाउडी मोदी' के रंग में रंग चुके हैं। वह भारत के लिए कार्यक्रम में बड़ा एलान भी करने वाले हैं। अमेरिका के अगले चुनाव में भारतवंशियों की प्रभावी भूमिका को देखते हुए ट्रंप यह मौका चूकना नहीं चाहते हैं।
खास बातें
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी ने आयोजन को बेहद खास बनाया
पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति किसी खास देश के लोगों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे
कार्यक्रम रात में 8.30 से 11.30 बजे तक चलेगा, इंडिया फोरम के साथ 90 संगठनों का साझा आयोजन
सांस्कृतिक कार्यक्रम 'भारतीय-अमेरिकी गाथा' में 27 समूहों में 400 कलाकार प्रस्तुतियां देंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए शनिवार रात ह्यूस्टन पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिकी शहर ह्यूस्टन ने बांहें फैलाकर स्वागत किया। यहां बारिश और तूफान थमने के बाद मौसम खुशनुमा है।
रविवार को होने वाले इस अनूठे ऐतिहासिक आयोजन 'हाउडी मोदी' के लिए जितनी बेताबी अमेरिका में बसे भारतीयों में है, उतनी ही उत्सुकता अमेरिकियों में भी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी ने आयोजन को बेहद खास बना दिया है। अमेरिका के सबसे बड़े स्टेडियम में हो रहे सबसे बड़े कार्यक्रम से दुनिया न केवल भारत का विराट वैभव देखेगी, बल्कि दोनों देशों के परवान चढ़ते रिश्तों की गवाह भी बनेगी।
यह पहली बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति किसी खास देश के लोगों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। इससे पहले, किसी देश का इतना वृहद कार्यक्रम नहीं हुआ है। यह इसलिए मुमकिन हुआ क्योंकि इस क्षेत्र में भारतीयों का खासा सम्मान है। अपने परिश्रम, बुद्धिबल और कौशल से भारतीयों ने यह मुकाम हासिल किया है। इससे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के बीच दोस्ती और विश्वास के नए युग की शुरुआत होगी।
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