भारत के जल संकट के 3 कारण सदगुरु के नजरिए से

3 .बढ़ती जनसंख्या



हम जो भी संकट झेल रहे हैं - चाहे वो पर्यावरण हो या पानी या अन्य मुद्दे - इन समस्याओं के पीछे जितने भी कारण हैं, उनमें से एक बड़ा कारण है, मनुष्यों द्वारा गैर जिम्मेदार ढंग से बच्चे पैदा करना। भारत में 130 करोड़ लोग हैं - हमारे पास जमीन, नदियाँ, पहाड़ या आसमान का टुकड़ा भी इन 130 करोड़ लोगों के लिये पर्याप्त मात्रा में नहीं है।


यदि आप आज के जल संकट के बारे में विचार करें तो 1947 में, देश में प्रति व्यक्ति जितना पानी था, आज उसका 25% ही उपलब्ध है। यह प्रगति नहीं है। यह विकास नहीं है। तमिलनाडु के कई शहरों में ऐसा होने लगा है कि लोग तीन दिनों में एक ही बार नहाते हैं।


हमारी संस्कृति ऐसी है कि चाहे कुछ भी हो, चाहे आप भोजन न करें, पर आप स्नान अवश्य करते हैं। ये हमारी जलवायु की माँग है। लेकिन अब लोग रोज नहीं नहा पा रहे हैं। ये कोई विकास या खुशहाली की बात नहीं है। अगर यही स्थिति रही तो ऐसा समय भी आ सकता है जब आप को पानी एक दिन छोड़ कर पीना पड़ेगा!


हमने मृत्यु को संभाल लिया है पर जन्म की ओर ध्यान नहीं दिया। या तो हम जागरूकतापूर्वक अपनी जनसंख्या पर नियंत्रण करें या फिर प्रकृति बहुत ही निर्दयी ढंग से ये करेगी - चुनाव हमारा है।


मनुष्य होने का मूल यही है कि हम होशपूर्वक काम करें। मुझे लगता है, अगर हम मनुष्य हैं तो हमें ये जागरूकता से करना चाहिये और अपने आप को किसी भी खराब परिस्थिति से बचाना चाहिये।


No comments:

Featured Post

Social Media Marketing: Earn Money Online

  Social Media Marketing: Earn Money Online In today’s digital age, social media marketing has emerged as a powerful tool not just for ...