नीति कहती है कि जब किसी इंसान के पास ताकत जरूरत से ज्यादा हो तो वह अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझता। जिस कारण ऐसा व्यक्ति कोई भी बड़ी भूल कर सकता है। इसलिए ऐसी ताकत जहर के समान है।
चाणक्य नीति: इन चीजों पर हमेशा रखें कंट्रोल नहीं तो ये आपके लिए बन जाएंगी जहर समान
अगर किसी के अंदर लालच या लोभ आ जाए तो वह अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इसलिए लालच भी जहर के समान है।
चंद्र गुप्त मौर्य के नीतिकार और उनके शासन काल में महामंत्री रहे आचार्य चाणक्य की नीतियों ने उस समय में सभी का मार्गदर्शन किया और आज के समय में भी उनकी नीतियां कई लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी हुई हैं। चाणक्य ने वैसे तो व्यवहारिक जीवन से संबंधित कई नीतियां बताईं हैं जिनका अनुसरण करने से किसी का भी जीवन संभल सकता है। लेकिन यहां हम उनकी उस नीति के बारे में बताने जा रहे हैं जिनमें उन्होंने कुछ चीजों को जहर के समान बताया है…
– चाणक्य की नीति कहती है कि जब किसी इंसान के पास ताकत जरूरत से ज्यादा हो तो वह अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझता। जिस कारण ऐसा व्यक्ति कोई भी बड़ी भूल कर सकता है। इसलिए ऐसी ताकत जहर के समान है।
– इसी तरह अगर किसी व्यक्ति के पास जरूरत से ज्यादा धन हो जाए तो वह धन का दुरुपयोग करने लगता है। जिससे उसे बुरी आदतें भी लग सकती हैं। इसलिए धन की अति भी जहर के ही समान है।
– अगर किसी भी व्यक्ति को जरूरत से ज्यादा भूख लगती है तो यह उसके साथ-साथ समाज के दूसरे व्यक्तियों के लिए भी खतरनाक है। आवश्यक्ता से अधिक भोजन करने पर स्वास्थ्य खराब हो सकता है।
– अगर किसी के अंदर लालच या लोभ आ जाए तो वह अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इसलिए लालच भी जहर के समान है।
– कहते हैं कि अभिमान यानी की घमंड रावण का भी नहीं टिका था। इसलिए चाणक्य कहते हैं कि अभिमान आने पर व्यक्ति धीरे-धीरे सबकुछ गंवा देता है। व्यक्ति का अभिमान उसके बनते कामों को बिगाड़ सकता है। इसलिए समय आने पर व्यक्ति का अभिमान जहर के समान घातक हो सकता है।
– चाणक्य कहते हैं कि आलस किसी भी व्यक्ति को पीछे धकेलने का काम करता है। आलस करने वाला व्यक्ति कुछ बेहतर करने का प्रयास छोड़ देता है या फिर उस इंसान का पतन शुरु हो जाता है।
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