तन की शक्ति, मन की स्थिरता और आत्मा से परमात्मा के मिलन का आधार है योग- योगऋषि स्वामी रामदेव

तन का योग: युवाओं के उत्कर्ष के लिए सबसे श्रेष्ठ साधन


योग स्व (चेतना) को जानने और पाने का मार्ग है। योग के मूल सिद्धांतों और अध्यात्म की विचारधाराओं में कोई अंतर नहीं है। दोनों स्वयं को मुक्ति की ओर ले जाने का मार्ग हैं। सभी धर्मों और पंथों ने योग को अपने-अपने विचारों के मुताबिक मान्यता दी है। बौद्ध से लेकर जैन धर्म तक योग शब्द से हर मत, पंथ और समुदाय जुड़ा है। युवाओं के लिए योग एक वरदान की तरह है। आधुनिक जीवनशैली थकाने और निराशा की ओर ले जाने वाली है, इस दौर में योग युवाओं को ऊर्जा का नया केंद्र बना सकता है।


दैनिक जीवन में योग का समावेश आवश्यक है। तभी हम अपने ऊर्जा के स्तर को हमेशा समान और बरकरार रख पाएंगे। आज के युवाओं को योग से जुड़ने की आवश्यकता है। अनियमित खानपान और दिनचर्या के कारण समय से पहले शरीर की ऊर्जा का स्तर गिरता जा रहा है। योगिक जॉगिंग एक ऐसा तरीका है जो युवाओं को ऊर्जावान रखता है और शरीर को रोगों से लड़ने के लिए मजबूत बनाता है।


योगिक जॉगिंग को सहज और सरल तरीके से आधुनिक जीवन के लिए तैयार किया गया है। इसे सूक्ष्म व्यायाम भी कहा जा सकता है। इन क्रियाओं के कोई नाम नहीं हैं। क्योंकि ये पारंपरिक योग से अलग आधुनिक जीवन के लिए खोजी गई पद्धति है। इन्हें संख्या और क्रिया से ही जाना जा सकता है। अगर आप स्फूर्ति और ऊर्जा से भरे रहना चाहते हैं तो अपनी दैनिक क्रियाओं में इन योगिक जॉगिंग के कुछ चरण शामिल कर सकते हैं।


योगिक जॉगिंग के कुछ खास चरण


1 . पहली क्रिया में एक ही स्थान पर खड़े होकर दौड़ने का अभ्यास करें। दोनों हाथों की मुट्ठियां बांध लें। पैरों को घुटनों से मोड़कर जंघा तक ऊपर लाकर एक ही जगह खड़े होकर दौड़ें। इस अवस्था में दोनों हाथों की मुट्ठियां कंधों तक ऊपर आएं। हाथों को सीने से सीधी तरफ मोड़कर रखें। दौड़ते समय पैरों को इस तरह से मोड़ें कि पीछे नितंबों से एड़ियां स्पर्श हो सकें। दायां पैर और हाथ ऊपर लाते समय गहरी सांस लें। इसके विपरीत बांया पैर और हाथ उठाते समय सांस को बाहर छोड़ें।


2 . दूसरी क्रिया में एक स्थान पर खड़े होकर दाएं हाथ को कोहनी से ना मोड़ते हुए सीधा करके ऊपर की तरफ ले जाएं। दाएं पैर को घुटनों से मोड़ते हुए इतना मोड़ें कि एड़ियां नितंबों को स्पर्श करें। दाएं हाथ को ऊपर से बिना मोड़े जंघा तक लेकर आएं। फिर बाएं हाथ और पैर के साथ ये क्रिया दोहराएं।


3 . तीसरी क्रिया में सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को कमर पर रखें। फिर दाएं पैर को घुटनों से मोड़कर ऊपर की तरफ लाएं, यथाशक्ति घुटने को छाती से स्पर्श कराने का प्रयास करें। इस दौरान गर्दन को सीधा रखें। दाएं पैर के बाद फिर बाएं पैर से इसे दोहराएं।


4 . चौथी क्रिया में सीधे खड़े होकर हाथों को कमर पर रखें। फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए वेग के साथ नीचे की ओर जाएं (जिस तरह उठक-बैठक लगाई जाती है।), उतना ही नीचे की ओर जाएं, जितने में आपकी कमर सीधी रहे। कमर को मोड़ें नहीं। फिर ऊपर की ओर आएं, पैरों को सीधा करें। इस क्रिया को 5 से 10 बार तक दोहराया जा सकता है। इससे घुटनों और पैरों की मांसपेशियों में मजबूती आती है।


5 . पांचवीं क्रिया में सीधे खड़े होकर दोनों हाथों को बिना मोड़े सामने सीने की तरफ लंबा कर लें। दोनों पैरों के बीच फासला बनाएं। एक पैर को बिना मोड़े दूसरे पैर पर बैठें, इस तरह बैठें कि एड़ी नितंब से स्पर्श करे। इस क्रिया को फिर दूसरे पैर की ओर दोहराएं। ये क्रिया वेग के साथ करें। इससे जंघाओं की मांसपेशियां ठीक रहती है। अतिरिक्त चर्बी कम होती है। एड़ियां और पैरों के पंजों का दर्द कम होता है


No comments:

Featured Post

Social Media Marketing: Earn Money Online

  Social Media Marketing: Earn Money Online In today’s digital age, social media marketing has emerged as a powerful tool not just for ...