चाणक्य के अनमोल विचार

जिस देश में आदर नहीं, जीने के साधन नहीं,
विद्या प्राप्त करने के स्थान नहीं ,
वहां पर रहने का कोई लाभ नहीं|
 


शक्तिशाली शत्रु और कमजोर मित्र हमेशा ही नुकसान देते हैं|
 


हाथी को अंकुश से, घोड़े को चाबुक से, सींग वाले पशुओं को डंडे से
और दुर्जन व्यक्ति को तलवार से दंड देना चाहिए|
 


जो लोग मिली हुई चीज को छोड़कर उस चीज के पीछे भागते हैं,
जिसके मिलने की कोई उम्मीद ही ना हो, ऐसे लोग
मिली हुई चीज को भी खो देते हैं|
 


जिस जगह झगड़ा हो रहा  हो वहां पर कभी भी खड़े नहीं होना चाहिए
कई बार ऐसे झगड़ों में बेगुनाह मारे जाते हैं|


 धर्म, गुरु का ज्ञान, दवाइयां आदि का सदा संग्रह करके रखना चाहिए,
समय आने पर यह सब चीजें इंसान के काम आती है|
 


मित्रता उस स्थान के लोगों से की जानी चाहिए जहां पर शर्म, चतुरता,
त्याग जैसी आदतें अवश्य हो|
 


सोना यदि किसी गंदी जगह पर भी पड़ा हो तो उसे उठा लेना चाहिए|
 


पत्नी जैसी भी हो ,धन जितना भी हो ,भोजन कैसा भी हो ,यह सब यदि समय पर
मिल जाए तो सबसे अच्छा है|
 


इस संसार में कोई ऐसा प्राणी नहीं है जिसमें कोई दोष न हो|
 


शिक्षा, यदि किसी घटिया प्राणी से भी मिले तो लेने में संकोच नहीं करना चाहिए|
 


जब विनाश के दिन  आते हैं तो बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है|
 


दुश्मन के साथ धोखा करने से धन का नाश होता है और ब्राह्मण के साथ
धोखा करने से कुल का नाश होता है|
 


यदि किसी दुष्ट वंश में बुद्धिमान कन्या हो तो उससे शादी कर लेनी चाहिए,
गुण ही सबसे बड़ी विशेषता है|
 


लड़की की शादी सदा अच्छे घर में करनी चाहिए और बेटे को शिक्षा
अवश्य दिलवानी चाहिए|
 


पागल ,बुद्धिहीन आदमी से सदा दूर रहे ,ऐसे लोग पशु समान होते हैं|
 


अपने मन का भेद दूसरों को देने वाले लोग सदा ही धोखा खाते हैं|
 


परिश्रम करने से इंसान की गरीबी दूर हो जाती है और पूजा करने से पाप दूर हो जाते हैं|
 


मक्खी के सिर में और बिच्छू की दुम में जहर होता है, परंतु बुरे इंसान के
पूरे शरीर में ही जहर होता है, इसलिए बुरा व्यक्ति सबसे अधिक जहरीला होता है|
 


जीवन में किसी भी खतरे को सामने देखकर डरना नहीं चाहिए|
 


कोई भी कार्य आरंभ करने के पश्चात उस से घबराना नहीं चाहिए
और ना ही उसे बीच में छोड़ना चाहिए|
 


जो प्राणी मन से अपना काम करते हैं वे सदा सुखी रहते हैं|
 


संतोष और धैर्य से जो सुख प्राप्त हो सकता है वह किसी और चीज से नहीं मिल सकता|
 


जिस शत्रु से आप को जान का खतरा हो उसे ताकत से कुचल देना चाहिए|
 


भले और विद्वान लोगों से हमेशा मेलजोल बढ़ा कर रखें|
 


मनुष्य हर शरीर के साथ ही अपने जन्म के कर्मों का फल पाता है|
 


बिना पढ़े पुस्तक को अपने पास रखना तथा अपना कमाया हुआ धन
दूसरों के हवाले करना नुकसानदायक हो सकता है|
 


इस संसार में यदि आप किसी चीज पर पूर्ण रुप से विश्वास कर सकते हैं
तो वह केवल आपका मन है|
 


नारी और धन दोनों ही कभी भी धोखा दे सकते हैं इसलिए इन दोनों के बारे में
सदा होशियार रहें|
 


जो औरत दूसरों की ओर देखती है ऐसी औरत कभी भी धोखा दे सकती है
इसलिए ऐसी औरत से सदा दूर रहना चाहिए|
 


मानवता से बड़ा धर्म इस संसार में कोई नहीं है|
 


प्राणी को हमेशा सत्य से ही प्यार करना चाहिए ,सत्य की शक्ति से ही
वह हर स्थान पर विजय प्राप्त कर सकता है|
 


होनी को कोई नहीं टाल सकता वह तो अटल है इस संसार की कोई भी शक्ति
उसे नहीं टाल सकती|
 


मौत कभी सोती नहीं, वह हमेशा जागती रहती है ,इसलिए मौत को कभी मत भूलो|
 


दूसरों का भला चाहने वाले ही आत्मिक शांति प्राप्त कर सकते हैं|
 


जैसी हमारी भावना होती है हमें वैसा ही फल मिलता है|
 


ईश्वर ही राजा को दास और दास को राजा बना देता है|
 


 


तीर्थ यात्रा पूजा एवं तीर्थ स्थान यह सब मन की खुशी के लिए होते हैं|
 


भोजन करते समय प्राणी को सदा मौन रहना चाहिए, मौन रहकर भोजन
करने से स्वास्थ्य लाभ होता है|
 


जो ब्राह्मण केवल एक समय भोजन खाकर संतुष्ट हो जाए वही ब्राह्मण
विद्वान माना जाता है|
 


धर्म के कार्यों में सबसे आगे रहना, मीठा बोलना, दान पुण्य करना, ब्राह्मणों का
सम्मान करना और घर आए मेहमान की सेवा करना एक अच्छे पुरुष के लक्षण हैं|
 


पागल शिष्य का उपदेश देना, दुखी लोगों से मेलजोल रखना, इन सब चीजों से
बुद्धिमान दुखी रहते हैं|
 


किसी प्राणी के वंश का पता उसके व्यवहार से ही लग जाता है|
 


ब्राह्मण केवल विद्या के सहारे ही पंडित कहलाता है, राजा अपनी सेना के दम
पर ही बहादुर होता है और बनिया अपनी कारोबारी बुद्धि से ही धन कमाता है|
 


जो राजा शक्तिशाली नहीं होता, प्रजा कभी भी उस राजा का साथ नहीं देती|
[पक्षी कभी उस पेड़ पर नहीं बैठते जिस पर फल नहीं होते]
 


देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देना चाहिए|
 


व्यापारी के लिए कोई भी देश दूर नहीं होता, वह अपने कारोबार के लिए
कहीं भी जा सकता है|
 


विद्वान के लिए इस संसार में सब मार्ग खुले रहते हैं, वे लोग कहीं भी
जाते हैं तो उनका हमेशा आदर होता है|
 


अच्छा पुत्र वही होता है जो मां बाप की आज्ञा का पालन करें|
 


जिस धर्म में दया की शिक्षा ना मिले ,उसे छोड़ देना ही बेहतर होता ।



दूसरे हाथों में गया हुआ धन कभी वापस नहीं आता|
 


विद्या निरंतर अभ्यास करने से ही आती है|
 


दान देने से दरिद्रता दूर होती है, जो लोग दूसरों के दुख दूर करते हैं ,
भगवान उनके दुख हमेशा दूर करता है|
 


बुद्धि सदा अज्ञानता को नष्ट करती है, बुद्धिमान व्यक्ति कभी भूखा नहीं मरता|
 


धन से धर्म की रक्षा होती है, शक्ति से राज्य की रक्षा होती है, यदि पत्नी अच्छी
पढ़ी-लिखी एवं गुणवान हो तो वह सारे घर की रक्षा कर सकती है|
 


जिस व्यक्ति का पेट भरा हुआ हो उसके लिए बढ़िया से बढ़िया भोजन भी बेकार है|
 


शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे कोई चोर चुरा नहीं सकता और ना ही कोई छीन सकता है|
 


अनुभवहीन आदमी के लिए तो शस्त्र केवल एक जहर के समान है|
 


जो हर समय अपने घर के ही ख्यालों में ही खोया रहता है उसे विद्या नहीं आ सकती|
 


जो व्यक्ति पाखंडी होता है वह दूसरों का काम बिगाड़ देता है|
 


जो व्यक्ति पराई औरत को मां के समान, दूसरों के धन को मिट्टी के समान
और सब प्राणियों को एक समान मानते हैं वही पंडित होते हैं|
 


निर्धन हमेशा धन की तलाश में भटकते हैं, उनके मन में सदा अमीर बनने की
इच्छा रहती है|
 


यदि पेट भरने का नाम ही जीवन है तो यह काम तो आवारा कुत्ते भी कर लेते हैं|


ईर्ष्या,असफलता का दूसरा नाम है ईर्ष्या करने से अपना ही महत्व कम होता है|
 


बुरे के साथ हमेशा बुरा व्यवहार करना चाहिए क्योंकि लोहा हमेशा लोहे से ही कटता है|
 


गुणवान की प्रशंसा तो सभी लोग करते हैं किंतु गुणवान व्यक्ति यदि अपने
मुंह से स्वयं की प्रशंसा करें तो अच्छा नहीं लगता|
 


पागल व्यक्ति,कोढ़ी, कुंवारी लड़की और ढोंगी साधुओं से दूर से ही नमस्कार
करना चाहिए|
 


जीवन में कर्म और परिश्रम से ही फल मिलता है|
 


समय किसी के लिए नहीं रुकता है, समय अपनी गति से चलता रहता है|
 


समय का कोई मूल्य नहीं है, इससे लाभ उठाने वाले ही आगे बढ़ते हैं|
 


जहां दो ब्राह्मण खड़े हो उनके बीच कभी मत जाओ क्योंकि ब्राह्मण का क्रोध
बहुत बुरा होता है|
 


धनवान व्यक्ति को मित्र अपने आप ही मिल जाते हैं| धन मित्रता को जन्म देता है|
 


विद्वान की हर स्थान पर पूजा होती है| शिक्षक कोई भी हो उसका हर स्थान
पर सम्मान होता है|
 


यदि तुम अपनी भलाई चाहते हो तो अपने मन का भेद किसी को ना दें
यही सबसे बड़ा गुरु मंत्र है|


 


 


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