मैकाले की शिक्षा पद्धति के स्थान पर देश में वैदिक शिक्षा पद्धति का विकल्प तैयार किया जाएगा। जल्द ही वैदिक शिक्षा का दौर दोबारा अस्तित्व में आएगा। स्वामी रामदेव ने पतंजलि विश्वविद्यालय का विस्तार करते हुए एक लाख से ज्यादा छात्रसंख्या वाला विवि बनाने का भी दावा किया।
साथ ही पतंजलि के राष्ट्र निर्माण के अभियान को और गति देने की बात कही। वहीं, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण योग व आयुर्वेद के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में देश की साख बढ़ाई
यह बात बाबा रामदेव ने गुरुवार को पतंजलि योगपीठ में आयोजित आचार्यकुलम के उद्घाटन के मौके पर कही। इस दौरान बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी उनकी इस बात को सराहा। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में भारतीय संस्कृति का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है और यह मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर में देश की साख बढ़ाई है, उसी तरह स्वामी रामदेव वैदिक शिक्षा, योग और आयुर्वेद के माध्यम से विश्व में भारत की ताकत बढ़ा रहे हैं।
यह बातें उन्होंने बृहस्पतिवार को पतंजलि योगपीठ में आचार्यकुलम् के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण के दौरान कहीं। दस हजार छात्र संख्या की क्षमता वाला यह भवन सभी को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
वैदिक शिक्षा पद्धति को प्रोत्साहित करने की है बहुत आवश्यकता
अमित शाह ने वैदिक रीति रिवाज से पूजा अर्चना के साथ आचार्यकुलम् के भवन के लोकार्पण किया। इसके बाद पतंजलि योगपीठ फेज-2 के सभागार में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि देश में वैदिक शिक्षा पद्धति को प्रोत्साहित करने की बहुत आवश्यकता है।
जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की साख दुनिया में बढ़ाई है और स्वामी रामदेव वैदिक शिक्षा, योग व आयुर्वेद के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने भारत की ताकत बढ़ा रहे हैं, उससे भारत का विश्व गुरु बनना तय है। इस मौके पर स्वामी रामदेव ने कहा कि महज पांच से छह वर्षों में ही आचार्यकुलम् ने विशिष्ट शिक्षा पद्धति से दुनियाभर को आकर्षित किया है।
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