आचार्य चाणक्य के महिलाओं पर अपने विचार ।

आचार्य चाणक्य ने जीवन के प्रत्येक पहलुअों से संबंधित नीतियों का निर्माण किया है। महिलाअों से संबंधित उनके विचार आधुनिक युग में, काफी सीमित नजर आते हैं। कहा जाता है कि महिलाअों के मन में क्या चल रहा है इसके बारे में स्वयं भगवान भी नहीं समझ सकते। चाणक्य ने महिलाअों के स्वभाव से संबंधित कुछ बातें बताई हैं।


 


* चाणक्य के विचारानुसार अधिकतर महिलाएं झूठ बोलती हैं। अपनी इसी आदत के कारण कई बार वे मुश्किल में फंस जाती है। 


 


* चाणक्य के अनुसार नदी, सींग वाले जानवर, शस्त्रधारी, सत्तारूढ़ परिवारों और औरत पर कभी विश्वास नहीं करना चाहिए। 


 


* आचार्य चाणक्य कहते हैं कि झूठ बोलना, अविवेक, छल, अज्ञानता, लोभ, द्वेष और बेरहमी महिलाओं की सात प्राकृतिक कमियां हैं। 


 


* आग, जल, स्त्रियां, मूर्ख, सांप अौर शाही परिवार कभी भी घातक सिद्ध हो सकते हैं। अपनी सुरक्षा के लिए इनसे सावधान रहना चाहहिए। 


 


* चाणक्य के अनुसार स्त्रियां कभी स्थिर नहीं रह सकती। उनका दिमाग चंचल होता है इसलिए उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए।


 


* पंड़ितों से बातचीत की कला, जुआरियों से झूठ बोलना, राजकुमारों से नम्रता अौर महिलाअों से धोखा देना आदि आदतें सीखी जा सकती है। 


 


* आचार्य चाणक्य ने कहा है कि वहीं स्त्री पवित्र है जो घर की दहलीज के अंदर रहें, पति से झूठ न बोले, पति के प्रति वफादार हो और साथ ही घर के कार्यों में विशेषज्ञ हों।


 


* आचार्य के अनुसार स्त्रियां वस्तु की भांति होती हैं। अच्छे दिनों मे धन की भांति उनको भी सुरक्षित रखना चाहिए। आत्मरक्षा के लिए धन की भांति महिला का बलिदान भी कर देना चाहिए। 


 


* जो स्त्री अपने पति की आज्ञा के बिना व्रत रखती है, वह अपने पति की आयु कम करती है। ऐसा कार्य करने पर वह नर्क की भागीदार बनती है।


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