#1. निर्बल राजा को तत्काल संधि करनी चाहिए।
#2. पडोसी राज्यों से सन्धियां तथा पारस्परिक व्यवहार का आदान-प्रदान और संबंध विच्छेद आदि का निर्वाह मंत्रिमंडल करता है।
#3. निकट के राज्य स्वभाव से शत्रु हो जाते है।
#4. किसी विशेष प्रयोजन के लिए ही शत्रु मित्र बनता है।
#5. ऋण, शत्रु और रोग को समाप्त कर देना चाहिए।
#6. वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।
#7. संकट में केवल बुद्धि ही काम आती है।
#8. लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए।
#9. यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए।
#10. यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए।
#11. सांप को दूध पिलाने से विष ही बढ़ता है, न की अमृत।
#12. एक बिगडैल गाय सौ कुत्तों से भी ज्यादा श्रेष्ठ है अर्थात एक विपरीत स्वभाव का परम हितैषी व्यक्ति, उन सौ से श्रेष्ठ है जो आपकी चापलूसी करते हैं|
#13. शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।
आचार्य चाणक्य एक महान विद्वान् थे और उन्होंने कई ऐसी बातें बताई हैं जो आम लोगो की जिंदगी को पूरा बदल कर रख देंगी और यकीन मानिये चाणक्य की नीति और चाणक्य के अनमोल विचार हम सभी की जिंदगी में बहुत कुछ अच्छा बदलाव ला सकते हैं.
यदि आप एक व्यापारी या फिर पेशेवर हैं या फिर कहीं नौकरी करते हैं और हो सकता है की शायद आप अभी एक विद्यार्थी हो तो में आपको बता दूँ की yogkiran. page पर आपको आचार्य चाणक्य की नीति और आचार्य चाणक्य की कही अचूक बातें हैं जो काफी कुछ सिखाती है.
तो दोस्तों आगे पढते हैं| यकीन मानिये ये चाणक्य नीति आप की जिंदगी बदल देगी.
चाणक्य की नीति को अपने जीवन में उतारने वाला व्यक्ति चाहे कितना भी कमजोर क्यों न हो अपने आप को बुरे समय से बचा ही लेता है और चाणक्य की बातें सच साबित हुई हैं जिसमे कोई दोरह नहीं है.
चाणक्य के अनमोल विचार भी एक मात्र ऐसा साधन है जो आजके कलयुग मैं आपके लिए काफी लाभदायक होगा।
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